Menu
blogid : 7054 postid : 32

बदले क़ि राजनीति …..

मन की बात
मन की बात
  • 48 Posts
  • 94 Comments

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आठ जिलो के नाम बदलकर फिर से उनके पुराने नाम बहाल कर दिए बसपा सरकार के समय मायावती द्वारा इन जिलो के नाम बदले गए थे l नाम बदलने क़ि इस राजनीति में जनता के धन क़ि ही बर्बादी है l एक दुसरे को नीचा दिखाने के फेर में बसपा और सपा के बीच जो ये खेल चल रहा है l उसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है l एक बार फिर नाम बदलने से जनता से करों के रूप में वसूले गए करोडो रुपये इस बदलाव पर खर्च कर दिए जायेंगे l क़र्ज़ में डूबे उत्तर प्रदेश में सरकार क़ि ऐसी कार्यप्रणाली सोचने पर विवश करती है क़ि महज़ राजनीतिक वैमनष्यता के लिए क्या ऐसा करना उचित है l ” बेहतर होता यदि मुख्यमंत्री नाम बदलने के बजाय इन जिलो के विकास पर यह धन खर्च करते ” ……..
पूर्ववर्ती बसपा सरकार के फैसलों को बदलने के क्रम में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के आठ जिलो के नाम एक बार फिर बदल डाले अब प्रबुध्नगर को फिर से शामली , भीमनगर को संभल , पंचशीलनगर को हापुड़ , महामाया नगर को हाथरस , ज्योतिबाफुलेनगर को अमरोहा , कांसीराम नगर को कासगंज , छत्रपति शाहूजी महाराज नगर को अमेठी और रमाबाई नगर को कानपुर देहात के नाम से जाना जाएगा l ख्याल रहे क़ि इन जनपदों के नाम ही बदले गए है बाकी सबकुछ यंहा पूर्व क़ि भांति ही रहेगा यंहा के लोग पहले क़ि तरह बिजली और पानी क़ि समस्या से जूझेंगे , यंहा के लोगो को हर दिन जाम से जूझना होगा , यंहा क़ि सड़के पहले क़ि तरह गड्ढो से भरी होंगी l यानी नाम को छोड़कर कुछ नहीं बदला गया है l
बेहतर होता यदि मुख्यमंत्री यंहा क़ि समस्याओ को दूर कर मुश्किलें झेलने वाली जनता क़ि किस्मत को बदलने के बारे में सोचते , लेकिन आम जनता के दुःख दर्द से राजनेताओ को कोई सरोकार नहीं है l इस से पहले प्रदेश क़ि सत्ता पर काबिज मायावती को भी नहीं था लिहाज़ा उन्होंने भी सिर्फ नाम बदले , वर्तमान सरकार को भी नहीं है उशने भी नाम ही बदले है l पूर्व मुख्यमंत्री को चिढाने मात्र के लिए उठाये गए सरकार के इस कदम से नयी व्यवस्थाओ पर कोरोड़ो रुपये खर्च किये जायेंगे l जाहिर सी बात है यह पैसा जनता का ही होगा l इस से पहले क़ि मायावती सरकार पार्क और हाथियों क़ि मूर्तियों पर अरबो रुपये खर्च ( बरबाद ) कर चुकी है l पूर्व में भी इन आठ जिलो के नाम बदले जाने पर करोंडो रुपये यूं ही बहा दिए गए थे l
उल्लेखनीय है क़ि उत्तर प्रदेश इन दिनों गंभीर बिजली संकट से जूझ रहा है l सरकार के पास इसके निदान के लिए कोई उपाय नही है l बड़े शहरों में भी दस से लेकर पंद्रह सोलह घंटो तक बिजली कटोती क़ि जा रही है l लोग बेहाल है l पूर्व में खरीदी गयी बिजली का उधार न चुकाने पर हिमाचल प्रदेश ने राज्य को और अधिक बिजली देने से हाथ खड़े कर दिए है l सड़के बदहाल है कानून वयवस्था चौपट है l विकास के नाम पर सरकार के पास कुछ नहीं l इन हालातो में बजाय विकास को तरजीह देने के उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का यह फैसला बचकाना ही लगता है l उसने ऐसा किया था , मैं वैसा करूंगा , इसी सोच और बदले क़ि भावना से काम कर रही है प्रदेश सरकार l सपा और बसपा क़ि इस जंग में पिस रही है प्रदेश क़ि आम जनता जिसने विकास क़ि उम्मीद में सपा को प्रदेश क़ि सत्ता सोंपी थी l परन्तु कम से कम अभी तक तो मुख्यमंत्री जनता क़ि इस उम्मीद पर खरे नहीं उतरे है l
प्रदेश क़ि जनता को बिजली पानी और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाए उपलब्ध करने के बजाय अखिलेश यादव बदले क़ि राजनीति कर रहे है l आधुनिक सोच रखने वाले नयी पीढ़ी के यूं पी के इस सबसे युवा मुख्यमंत्री से ऐसी उम्मीद तो नहीं थी क़ि वह जनहित के बजाय अपने राजनितिक प्रतिद्वंदियों से हिसाब बराबर करने में ही उलझकर रह जायेंगे l कोई आश्चर्य क़ि बात नहीं है क़ि यदि अगली बार मायावती सरकार क़ि प्रदेश क़ि सत्ता में वापसी होती है तो इन जिलो के नाम फिर से बदल दिए जायेगे l गरीब जनता के पैसे पर बदले क़ि राजनीति का यह खेल ऐसे है चलता रहेगा और बदले क़ि हर बार इसकी कीमत आम जनता को चुकानी होगी l

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply