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माता कभी कुमाता नहीं होती ……..

मन की बात
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कल एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला मेरे सामने आया l एक माँ पुलिस के पास पहुंची और रोते हुए बताया क़ि उसका पुत्र जिसे उन्होंने मेहनत मजदूरी करके बड़े जतन से पाल पोस कर बड़ा किया अब नशे का आदि हो गया है l उसे लगता था क़ि बड़ा होकर उसका बेटा बूढ़े माँ बाप का सहारा बनेगा l लेकिन इसके उलट उनका बेटा कमोबेश रोजाना ही उनके साथ मारपीट करता है l सालो तक अपने ही पुत्र के हाथो प्रताड़ित होने के बाद भी वह महिला ममता के कारण सबकुछ सहन कर रही थी लेकिन अब पानी सर से ऊपर हो गया तो वह पुलिस के पास आई है l इसके बाद पुलिस उसके नशेडी बेटे को पकड़कर ले आई बाद में उसको न्यायलय में पेश किया गया l महिला यानी उस लड़के क़ि माँ भी वही पर मोजूद थी l माँ ने आपबीती सुनाई मेरे साथ वहा मौजूद दुसरे लोगो को भी उसकी कहानी सुनकर दुःख हुआ क़ि उसने कैसे कैसे जतन करके अपने बेटे को पाला और आज यही बेटा उसके ऊपर अत्याचार कर रहा है l
बहराल मजिस्ट्रेट ने उसके नालायक बेटे को जेल भेजने के आदेश दिए l आप कहेंगे इसमें अजीब क्या है दरअसल इसके बाद जो हुआ वह अजीब था l जैसे ही उस लड़के को जेल ले जाने के आदेश दिए गए वह महिला यानी उसकी माँ बेहोश होकर नीचे जा गिरी जो कुछ हुआ वो अप्रत्याशित था l लोगो ने महिला को पानी वगेरह पिलाया होश में आने के साथ ही महिला ने जोर जोर से रोना शुरू कर दिया l रो रो कर वह अपने बेटे को जेल न भेजंने क़ि गुहार लगाने लगी l शायद यही माँ क़ि ममता है क़ि सालो से अपने बेटे द्वारा दी जा रही प्रताड़ना झेल रही एक माँ को उसी बेटे के जेल जाने के नाम से भी इतनी तकलीफ हुई क़ि वो अपना दर्द भूलकर उसे बचाने में जुट गयी l और वो भी उस बेटे को जो अपने माता पिता को न जाने कबसे और कैसे कैसे प्रताड़ित करता चला आ रहा था l ये सुब देखने के बाद मेरे मुह से अचानक ही निकला ” पूत कपूत हो सकते है जग में पर माता कभी कुमाता नहीं हो सकती ”
ये सिर्फ इसी महिला क़ि कहानी नहीं है l ऐसे और भी न जाने कितने माता पिता है जो अपने ही खून के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर है l जिस औलाद का माँ बाप ने पेट काटकर पढाया लिखाया उसका पालन पोषण किया बुढापे में उन्होंने ही माँ बाप को घर से बाहर निकाल दिया l जिस औलाद के बुढापे में माँ बाप के सहारा बनने क़ि उम्मीदे लगायी उसी औलाद ने बुढापे में माँ बाप का सहारा बनने के बजाय दर दर क़ि ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया l हम सभी के आस पास ऐसे माँ बाप नज़र आ जायेंगे जो अपने बच्चो के उत्पीडन से त्रस्त है l लेकिन अपनी ही औलाद से मिला दर्द किसी को बता नहीं सकते l
उन्हें नहीं समझ आता क़ि आखिर उनका कसूर क्या है है l क़ि उनका बेटा बहु के मेक अप का सामान तो खतम होने से पहले खरीदकर ला देता है लेकिन उनके बार बार कहने पर भी उनकी दवाई लाकर नहीं देता l खुद एसी कमरे में रहता है लेकिन गर्मी के मौसम में उनके कमरे के खराब पंखे को ठीक कराने में महीना भर लग जाता है l कल तक माँ बाप क़ि ऊँगली पकड़कर हर जगह जाने क़ि जिद करने वाले उसके बेटे को क्या हो गया क़ि अब उसे उनके साथ घर से बाहर निकलने में भी शर्म आती है l क्यों घर में मेहमान आने पर बूढ़े माँ बाप को कमरे से बाहर न निकलने क़ि ताकीद कर दी जाती है l जिसे बुढापे क़ि लाठी समझा था अगर वही बेटा लाठी लेकर मारने आ जाए तो दिल पर क्या बीतेगी ये वही माँ बाप बता सकते है जिन्होंने ये दर्द झेला है l लेकिन इसके बाद भी वो चुप है क्योंकि औलाद भले ही कैसी हो एक माँ कभी उसका बुरा नहीं सोचती l
दरअसल आधुनिकता क़ि दौड़ में अंधाधुंध भाग रहे लोगो के लिए रिश्तो के मायने अब नहीं रह गए है l भोतिक्तावाद के इस युग में खून के रिश्ते अब फीके पड़ने लगे है l आधुनिक होने का दावा करने वाली युवा पीढ़ी के लिए अब इन रिश्तो के कोई मायने नहीं रह गए है l आधुनिकता क़ि इस अंधी दौड़ में सब कुछ पीछे छूट रहा है , आज क़ि युवा पीढ़ी के लिए माँ बाप अब बोझ बन चले है वह यह भूल जाते है क़ि माता पिता का प्यार और आशर्वाद बहुत किस्मतवालो को नसीब होता है है देवता तक इसके लिए तरसते है और माँ का प्यार और स्नेह पाने के लिए उन्हें भी मानवरूप में धरती पर आना पड़ता है पर आधुनिक पीढ़ी को ये सब नहीं समझना उनके लिए तो माँ बाप बोझ बन चले है जिन्हें किसी मजबूरी के तहत वो अपने कंधो पर ढो रहे है लेकिन वो ऐसा करते समय ये भूल जाते है क़ि वक़्त अपने आप को दोहराता ज़रूर है l माता कभी कुमाता नहीं होती लेकिन ये भी सच है क़ि माँ बाप का दिल दुखाने क़ि सजा किसी न किसी रूप में मिलती ज़रूर है l ऐसा करते वक़्त हम ये क्यों भूल जाते है क़ि कल ये वक़्त हमारे साथ भी आएगा और तब शायद हमें इस बात का अहसास हो जाए …………………..

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