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अभी मैं घर से बाहर ही निकला था क़ि पड़ोस वाले शर्मा जी अपने स्कूटर के साथ पैदल जाते दिखाई पड़े l वैसे तो मैं शर्मा जी को देखकर उनसे बचने क़ि ही कोशिश करता हूँ लेकिन आज शर्मा जी कुछ दुखी लग रहे थे सो मुझसे रहा न गया l मेरे आवाज लगाने पर शर्मा जी रुके मैं उनके पास गया और पुछा ” शर्मा जी ऐसे दुखी होकर कहा जा रहे है l स्कूटर होने के बाद भी पैदल चल रहे है क्या बात है l
शर्मा जी और अधिक भावुक हो गए और बोले ” भैया स्कूटर बेचने जा रहा हूँ l मैंने पुछा क्यों तो वो बोले ” पेट्रोल महंगा हो गया है ” अब मैं सारा माजरा समझ गया शर्मा जी भी तो मेरी तरह उसी वर्ग से सम्बन्ध रखते है जो आजकल महंगाई क़ि चक्की में पिस रहा है और हाल ही में सरकार ने उसके ऊपर पेट्रोल के दाम बढाकर एक और चाबुक चलाया है l
मैंने कहा स्कूटर बेचकर क्या होगा तो वो बोले” इस से डाक्टर का खर्च बच जाएगा ” मैंने सर खुजलाया ” भला पेट्रोल से डाक्टर के खर्च का क्या सम्बन्ध हुआ ” इस पर शर्मा जी बोले भैया न होगा बांस और न बजेगी बांसुरी जब स्कूटर ही न होगा तो भला पेट्रोल क़ि कीमत बढ़ने पर हमारा ब्लड प्रेशर क्यों बढेगा जब ब्लड प्रेशर नहीं बढेगा तो हम डाक्टर के पास क्यों जायेंगे ” मैंने कहा समझ गया तब तो आपको खुश होना चाहिए वो बोले ” अन्दर से खुश हूँ मेरी ख़ुशी का इज़हार तो अब मैं २०१४ मेही करूंगा जब चुनाव होंगे ” मैंने उनका ध्यान उनकी ख़ुशी क़ि तरफ से हटाने क़ि गरज से पुछा लेकिन स्कूटर बेचने के बाद आप ससुराल कैसे आयेंगे जायेंगे ” शर्मा जी बोले ” ट्रेन से ….दीदी क़ि मेहरबानी है क़ि ट्रेन का सफ़र अभी भी सस्ता है ” मैंने कहा ” दीदी पेट्रोल के दाम भी तो कम करा सकती है जैसे रेल का किराया कम कराया था ”
शर्मा जी बोले ” नहीं दीदी सिर्फ रेलयात्रियों का ख्याल रखती है ” बाकी जनता से उन्हें कुछ लेना देना नहीं है ” मैंने कहा ऐसा क्या इसके बाद शर्मा जी तो चले गए स्कूटर बेचने लेकिन मेरे मनं में उथल पुथल मच गयी समझ में नहीं आया के दीदी को रेल में चलने वाली जनता से ही प्यार क्यों है उनके लिए तो वह सरकार से समर्थन वापस लेने को तैयार हो गयी थी और सरकार को घुटनों पर ला दिया था l लेकिन पेट्रोल के मामले में ऐसा क्या हो गया के दीदी एक बार बोली और बोली भी कुछ नहीं और बोलकर चुप हो गयी l
इसके बाद मेरा घर वापस जाने को दिल न किया l थोडा आगे चला तो कुछ कन्या छेड़क युवा जिन्होंने हाल ही में युवावस्था में कदम रखा था और इसका भरपूर आनद उठा रहे थे और किसी सड़क चलती लड़की को छेड़ना अपना मौलिक अधिकार मानते थे उदास बैठे थे l मैंने वजह पूछी तो बोले भैया आप नहीं जानते पेट्रोल महंगा हो गया है ” मैंने पुछा तो क्या हुआ उनमे से एक थोडा नाराजगी से बोला अब हम लड़कियां कैसे छेड़ेंगे “पहले थोड़े पैसो के पेट्रोल में दिन भर लड़कियों का पीछा कर लिया करते थे ” चलती बाईक पर उनसे अपने मनं क़ि बात ( छेड़छाड़ ) कह दिया करते थे ” लेकिन जैसे जैसे पेट्रोल महंगा हो रहा है बाईक लड़कियों के पीछे दौड़ना मुश्किल हो गया है ” मैंने कहा भैया सड़क किनारे खड़े होकर भी तो मन क़ि कर सकते हो ”
इस पर वो बोले उसमे रिस्क है ” एक तो धुनाई का खतरा ऊपर से अब लडकिया भी बिना बाईक वालो से मनं क़ि नहीं सुनना चाहती ”
मेरे दिमाग का बल्ब एकदम से जल गया मेरी समझ में आ गया क़ि दीदी क्यों चुप है l दीदी के आलोचकों जरा समझो चुप रहकर दीदी लडकियों के लिए क्या कुछ नहीं कर रही है l
धन्यवाद दीदी आप चुप ही रहे तो बेहतर है …कम से कम पेट्रोल के दाम बढ़ने से लडकियों का तो भला हो रहा है ”
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