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समोसे से बदलेगी किस्मत……….

मन की बात
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एक समोसे और उसके साथ खाई जाने वाली चटनी तथा कुल्फी जैसी चीज़ों के माध्यम से ही भक्तों पर कृपा बरसाने का दावा करने वाले निर्मल बाबा उर्फ़ निर्मलजीत सिंह नरूला कब मानव से महामानव बन गए पता ही नहीं चला l पिछले कुछ समय में निर्मल बाबा के भक्तो और उनकी लोकप्रियता में अचानक भारी वृद्धि हुई है l किसी भी दुकान घर में जाईये आपको निर्मल बाबा की तस्वीर मिलेगी l बाबा के कहने पर आजकल लोग काले रंग का पर्स खूब खरीद रहे है l भले ही बाबा की तस्वीर लगाने या काले रंग का पर्स खरीदने के बावजूद उनके भक्तो को सुख समृधि मिली हो या नहीं लेकिन बाबा के खातों में ज़रूर करोडो रुपये जमा हो गए है l

अधिक समय नहीं बीता है जब निर्मल बाबा के समागम का प्रसारण इक्का दुक्का चेंनल पर हो रहा था लेकिन पिछले कुछ समय में ही अचानक बाबा हर चेनेल पर छाए हुए है l उनके समागम में आये लोग चमत्कारिक अनुभव लोगो के साथ बांटकर उनका महिमामंडन करते है l इसमें कितना सच है ये तो बाबा या उनके भक्त जाने लेकिन बाबा के बारे में आजकल जो सुनने को मिल रहा है उसे भी नकारा नहीं जा सकता l

क्या सचमुच बाबा चमत्कारिक पुरुष है , क्या किसी को टीवी पर देखने मात्र से ही लोगो के बिगड़े काम बन सकते है , क्या किसी की तस्वीर घर अथवा दूकान या ऑफिस में रखने मात्र से धनवर्षा संभव है l क्या बाबा के कहे अनुसार समोसे की चटनी का रंग बदलने मात्र से कोई महिला गर्भवती हो सकती है

सवाल कई है लेकिन इन सवालो के ज़वाब मिल पाना मुश्किल है l दरअसल बाबा ने लोगो की नब्ज़ को पकड़ने की कला सीखी है l उनका कहना है की वो किसी रोग के इलाज का दावा नहीं करते न ही वो तंत्र मंत्र करते है l उन्हें शक्तियों का आशीर्वाद प्राप्त है उनके संपर्क में आने के बाद लोगो के बिगड़े काम बनने शुरू हो जाते है l बाबा ही नहीं हम सब भी यह भली भाति जानते है की भोतिक्तावादी इस युग में आजकल हर कोई धन के पीछे भागता है जिसके पास नहीं है वो भी और जिसके पास है वो भी बस बाबा ने लोगो की इसी कमजोरी को पकड़ा है l बाबा की शरण में आने वाले अधिकाँश लोग धन की समस्या से परेशान है l याद रखिये यदि आपके पास एक हज़ार रुपये है तब भी आपको धन की ज़रुरत है और यदि आपके पास एक करोड़ रुपये है तब भी आपको और धन की आवश्यकता है l यही एक कारण है की बाबा की लोकप्रियता यकायक बढती चली गयी l

बाबा ने एक काम और किया उन्होंने लोगो को न तो अपना धर्म अथवा गुरु बदलने को कहा न ही उनसे कर्मकांड करवाए बाबा ने उन्हें ऐसे उपाय बताये जो आदमी दौड़ता भागता कर दे मसलन समोसे और कुछ कुल्फी गरीबो में बांटना जिस धर्मस्थल पर वो आदमी अथवा महिला पहले से जाती रही है बस एक बार और वंहा जाकर कुछ अधिक पैसे दान कर दे l लोग भी इस से खुश है क्योंकि दुसरे तांत्रिक और बाबा के बताये कर्मकांड और पूजा करने करवाने में तमाम आडम्बर और धन खर्च होता है l ऐसे में लोगो को निर्मल बाबा अधिक रास आये l

सवाल ये है की क्या किसी व्यक्ति के टी वी पर दर्शन मात्र से हमारे मनोरथ पूरे हो सकते है l जी नहीं इसके लिए कर्म करना आवश्यक है l

बाबा अक्सर भक्तो से कहते है की आप समसा खाते है गोलगप्पे खाते है कुल्फी कब खाई थी आदि आदि अब भारत में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसने समोसा या कुल्फी का स्वाद नहीं लिया होगा l भक्त यदि कहे के समोसा खाया था तो बाबा दोबारा और अधिक समोसे खाने और लोगो में बांटने की सलाह देंगे और नहीं खाए तो समोसे खाने की सलाह देंगे लोग भी खुश और बाबा भी खुश l टीवी पर बाबा की कृपा से जिन लोगो के काम बने वो तो अपने अनुभव बताते है लेकिन जिनके काम नहीं बने उन्हें क्यों अनुभव नहीं बताने दिया जाता यदि ऐसा होता है तो क्यों ऐसे लोगो के अनुभव को टीवी पर नहीं दिखाया जाता l बाबा के भक्तो से दसवंद के नाम पर उनकी कमी का दसवां हिस्सा निकलकर बाबा के खाते में जमा करवाया जाता है इसके बाद इस पैसे को बाबा के निजी खाते में ट्रांसफर करा दिया जाता है l इस धन से बाबा महंगे इलाको में अपने लिए प्रोपर्टी खरीदते है न की इस धन का प्रयोग किसी धर्मशाला अथवा मंदिर के निर्माण या अन्य किसी समाजसेवा के कार्य में किया जाता है l

हमारे देश में बन्दूक के बल पर किसी की जेब से पैसे निकलवाना मुश्किल है लेकिन आस्था और अंधविश्वास के बल पर उसकी जेब खाली करा देना बड़ा आसान है l यही कारण है की निर्मल बाबा जैसे लोगो के बैंक खातो में चंद घंटो में ही करोडो रुपये जमा हो जाते है l अगर बाबा सचमुच चमत्कारिक पुरुष है तो आखिर क्यों वह भक्तो से करोडो रुपये ले लेते है l क्यों वह बिना कुछ लिए किसी का कल्याण नहीं करते क्यों उनके द्वारा बरसने वाली कृपा का मोल चुकाना आवश्यक है वो भी पूरा दस प्रतिशत न कम न ज्यादा क्षमा कीजिये दस प्रतिशत तो आवश्यक है ज्यादा पर कोई रोक नहीं है l आस्था और अन्धविश्वाश के इस खेल में जनता अपनी गाढ़ी मेहनत की कमी लुटा रही है और कुछ लोग दोनों हाथो से लूट रहे है l इसे आस्था कहे या अंधविश्वास के यंहा लुटने वाले को इसका ज़रा भी मलाल नहीं है l

निर्मल बाबा के बारे में रोजाना हो रहे खुलासो पर उनके एक भक्त का कहना है की बाबा की लोकप्रियता से घबराकर उनके विरोधी उनके खिलाफ एक सुनियोजित दुष्प्रचार में लगे है l यह सच भी हो सकता है लेकिन ख्याल रहे की धुआं वंही से उठता है जंहा आग होती है बाबा के बारे में क्या सच है और क्या झूठ ये तो वही जाने लेकिन सच ये है की बिना कर्म के कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता l यदि आप किसी की फोटो अपने पर्स , दूकान या ऑफिस में लगाकर हाथ पर हाथ धरकर बैठ जायेंगे तथा प्रयास नहीं करेंगे किसी काम को हाथ नहीं लगायेंगे तो यकीन कीजिये व्यक्ति कितना भी चमत्कारिक क्यों न हो आप पर कृपा नहीं बरस सकती l इंसान कर्मो से महान और सफल बनता है न की किसी की फोटो रखने या समोसा खाने से ………..

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